भा.कृ.अ.प. - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान | ICAR-Indian Agricultural Research Institute
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जनसँख्या वृद्धि एवं जलवायु परिवर्तन के कारण लगभग प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता में कमी आ रही जिससे की भविष्य में जल संकट की गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत में उपलब्ध जल का लगभग 80% हिस्सा कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाता है । वैश्विक जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझते हुए एवं भविष्य में होने वाले जल संकट को देखते हुए कृषि में उन्नत जल प्रबंधन अति आवश्यक है । वर्षा जल को संरक्षित कर उसका सही मात्रा और उपयुक्त समय पर प्रयोग से फसलों को पर्याप्त जल प्रदान किया जा सकता है। एक-एक बूंद की महत्ता को देखते हुए सुनियोजित सिंचाई का कृषि में महत्त्वपूर्ण योगदान हो सकता है जिससे न केवल जल दक्षता में वृद्धि होगी अपितु जल की बचत कर अधिक से अधिक क्षेत्र में फ़सलोत्पादन किया जा सकता है। साथ ही निम्न गुणवत्ता वाले या अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग के विकल्प के भी रास्ते अपनाने की आवश्यकता है। आधुनिक एवं उपयुक्त तकनीकी का ज्ञान और उसके उपयोग से उचित जल का उन्नत प्रबंधन कर इस लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। जल दक्षता बढ़ाने के साथ साथ आधुनिक तकनीकियों के सम्यक प्रयोग की बहुत आवश्यकता है। हमारे किसान भाई आधुनिक एवं उपयुक्त तकनीकी और उचित परामर्श के साथ जल का उन्नत प्रबंधन कर सकते है। उपरोक्त विचारों को ध्यान में रखते हुए जल सुरक्षा पत्रिका की शुरुआत वर्ष 2024 से हिंदी भाषा में किया गया । यह पत्रिका वर्ष में दो बार (अर्धवार्षिक) जनवरी से जून और जुलाई से दिसम्बर अवधि के लिए प्रकाशित होती है । जल सुरक्षा पत्रिका जल से सम्बंधित सभी प्रकार के लेखों को प्रकाशित करती है मुख्यतः कृषि में जल का सुनियोजित उपयोग, जल संरक्षण, सूक्ष्म सिंचाई और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत जैसे कि सौर ऊर्जा का प्रयोग, वाटरशेड प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन का जल सम्पदा पर प्रभाव, अपशिष्ट जल का उपचार एवं इस्तेमाल, जल प्रबंधन के लिए ऑटोमेशन एवं एआई का प्रयोग आदि । यह पत्रिका नवोन्मेषी विचार, तकनीकियों के उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर पाठकों और किसानों को अवगत कर जन जागरण फ़ैलाने का काम करेगी । इस पत्रिका में विषय-वस्तु में विशेषज्ञ ज्ञान के साथ साथ किसानों, बच्चो तथा नागरिकों के भी अनुभव, लेख, चित्र और कविताओं को भी समाहित करने का प्रयास करती है जिससे विभिन्न वर्गों के पाठक लाभान्वित हो सकें ।
डॉ. अनिल कुमार मिश्र, प्रधान वैज्ञानिक
जल प्रौद्योगिकी केंद्र, भा.कृ.अनु.प. – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली-110012
प्रकाशक: जल प्रौद्योगिकी केंद्र, भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान
नई दिल्ली - 110012 (भारत)
परियोजना निदेशक
जल प्रौद्योगिकी केंद्र, भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान
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