भा.कृ.अ.प. - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान | ICAR-Indian Agricultural Research Institute

कृषि मौसम सलाहकार

मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाएं
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा
कृषि भौतिकी संभाग
भा. कृ. अनु. प. -भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्‍ली – 110012
(दिल्ली और इसके आस-पास के गाँवों के लिए) Website: www.iari.res.in


साल-31, क्रमांक:-76/2024-25/शुक्र.                                                                                              समय: अपराह्न 2.30 बजे                                                                                                        दिनांक: 20-12-2024

बीते सप्ताह का मौसम (14 दिसम्बर से 20 दिसम्बर, 2024)

सप्ताह के दौरान सुबह के समय आसमान में हल्की धुंध रही। दिन का अधिकतम तापमान 21.2 से 23.5 डिग्री सेल्सियस (साप्ताहिक सामान्य 21.1 डिग्री सेल्सियस) तथा न्यूनतम तापमान 1.8 से 5.8 डिग्री सेल्सियस (साप्ताहिक सामान्य 6.2 डिग्री सेल्सियस) रहा। इस दौरान पूर्वाह्न 7.21 को सापेक्षिक आर्द्रता 76 से 91 तथा दोपहर बाद अपराह्न 2.21 को 30 से 62 प्रतिशत दर्ज की गई। सप्ताह के दौरान दिन में औसत 5.0 घंटे प्रतिदिन (साप्ताहिक सामान्य 4.0 घंटे) धूप खिली रही। हवा की औसत गति 3.0 कि.मी प्रतिघंटा (साप्ताहिक सामान्य 2.5 कि.मी प्रतिघंटा) तथा वाष्पीकरण की औसत दर 2.1 मि.मी (साप्ताहिक सामान्य 2.3 मि.मी) प्रतिदिन रही। सप्ताह के दौरान पूर्वाह्न तथा अपराह्न को हवा भिन्न-भिन्न दिशाओं से रही।


भारत मौसम विज्ञान विभाग, क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र, लोदी रोड़, नई दिल्ली से प्राप्त मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान
मौसमी तत्व/दिनांक 2024-12-212024-12-222024-12-232024-12-242024-12-25
वर्षा (मि.मी.) 0.00.00.10.00.0
अधिकतम तापमान {°सेल्सियस}2323222322
न्यूनतम तापमान {°सेल्सियस}0807080808
बादलों की स्थिति (ओक्टा)12442
सापेक्षिक आर्द्रता(प्रतिशत) अधिकतम9595959590
सापेक्षिक आर्द्रता(प्रतिशत) न्यूनतम7065757570
हवा की गति (कि.मी/घंटा)0606060606
हवा की दिशाउत्तर-उत्तर-पश्चिमपूर्वपूर्व-दक्षिण-पूर्व पूर्वपूर्व-उत्तर-पूर्व
साप्ताहिक संचयी वर्षा (मि.मी.)
0.1 mm
विशेष मौसम
बहुत हल्की बारिश/बूंदाबांदी की संभावना है।

साप्ताहिक मौसम पर आधारित कृषि सम्बंधी सलाह 25 दिसम्बर, 2024 तक के लिए

कृषि परामर्श सेवाओं, कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी जाती है।

  • जिन किसानों की गेहूँ की फसल 21-25 दिन की हो गयी हो, वे अगले पाँच दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना को ध्यान में रखते हुए पहली सिंचाई करें। सिंचाई के 3-4 दिन बाद उर्वरक की दूसरी मात्रा डालें।
  • देर से बोई गई सरसों की फसल में विरलीकरण तथा खरपतवार नियंत्रण का कार्य करें। औसत तापमान में कमी को मध्यनजर रखते हुए सरसों की फसल में सफ़ेद रतुआ रोग की नियमित रूप से निगरानी करें। 
  • इस मौसम में तैयार खेतों में प्याज की रोपाई से पहले अच्छी तरह से सडी हूई गोबर की खाद तथा पोटास उर्वरक का प्रयोग अवश्य करें।
  • आलू की फसल में उर्वरक की मात्रा डालें तथा फसल में मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें। 
  • हवा में अधिक नमी के कारण आलू तथा टमाटर में झूलसा रोग आने की संभावना है अतः फसल की नियमित रूप से निगरानी करें। लक्ष्ण दिखाई देने पर डाईथेन-एम-45 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें।
  • जिन किसानों की टमाटर, फूलगोभी, बन्दगोभी और ब्रोकली की पौधशाला तैयार है, वह मौसस को ध्यान में रखते हुये पौधों की रोपाई कर सकते हैं।
  • गोभीवर्गीय सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की निरंतर निगरानी करते रहें यदि सख्याँ अधिक हो तो बी. टी.@ 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पेनोसेड दवा @ 1.0 एम.एल./3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • इस मौसम में किसान सब्जियों की निराई-गुड़ाई करके खरपतवारों को नष्ट करें, सब्जियों की फसल में सिंचाई करें तथा उसके बाद उर्वरकों का बुरकाव करें। 
  • इस मौसम में मिलीबग के बच्चे जमीन से निकलकर आम के तनों पर चढ़ेगें, इसको रोकने हेतु किसान जमीन से 0.5 मीटर की ऊंचाई पर आम के तने के चारों तरफ 25 से 30 से.मी. चौड़ी अल्काथीन की पट्टी लपेटे। तने के आस-पास की मिट्टी की खुदाई करें जिससे उनके अंडे नष्ट हो जायेंगे।
  • सापेक्षिक आर्द्रता के अधिक रहने की सम्भावना को ध्यान में रखते हूए किसानों को सलाह है कि वे अपनी गेंदे की फसल में पूष्प सड़न रोग के आक्रमण की निगरानी करते रहें। 

सलाहकार समिति के वैज्ञानिक

डा. अनन्ता वशिष्ठ (नोड़ल अधिकारी, कृषि भौतिकी संभाग)

डा. सुभाष नटराज (अध्यक्ष, कृषि भौतिकी संभाग)

डा. प्र. कृष्णन (प्राध्यापक, कृषि भौतिकी संभाग)     

डा. देब कुमार दास (प्रधान वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी संभाग)

डा. बी. एस. तोमर (अध्यक्ष, सब्जी विज्ञान संभाग)

डा. सचिन सुरेश सुरोशे (परियोजना समन्वयक, मधुमक्खी पर अखिल भारतीय समन्वित परियोजना)

डा. दिनेश कुमार (प्रधान वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान संभाग)

डा. पी सिन्हा (प्रधान वैज्ञानिक, पादप रोग संभाग)

डा. ए. के. सिंह (प्रधान वैज्ञानिक व इंचार्ज, केटेट)


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